ToOtA hUa DiL.....!
बहते हुए दरिया को क्या मोड़ेगा कोई,
टूटे हुए शीशे को क्या जोड़ेगा कोई,
चलो फिर से इस बार विश्वास कर के देखते है,
अब इस टूटे हुए दिल को क्या तोड़ेगा कोई
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बहते हुए दरिया को क्या मोड़ेगा कोई,
टूटे हुए शीशे को क्या जोड़ेगा कोई,
चलो फिर से इस बार विश्वास कर के देखते है,
अब इस टूटे हुए दिल को क्या तोड़ेगा कोई
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