Hindi Romantic Shayari Girlfriend-Boyfriend

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प्यार क्या होता है हम नहीं जानते,
ज़िन्दगी को हम अपना नहीं मानते,
गम इतने मील के एहसास नहीं होता ,
कोई हमें प्यार करे अब विश्वास नहीं होता
इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है.
इश्क़ नही किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है…
मेरी रूह गुलाम हो गयी है
तेरे इश्क़ में शायद...
वरना यूँ छटपटाना
मेरी आदत तो ना थी...!!
क्या नाम दूँ मैं अपनी मोहब्बत को..
कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं..!!
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी,,,,,
...पहले पागल किया,,,,,,,
फिर पागल कहा...
फिर पागल समझ कर छोड़ दिया....
मैंने कहा आज झूठ का दिन हैं…..
वो मुस्करा के बोले, फिर तुम मेरे हो..
"उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
"नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है,
"अपनी हँसी को होंठों से न जाने देना!
"क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के पीछे
दुनिया पड़ी है.....
जिदंगी में कभी किसी
"बुरे दिन" से रूबरू हो जाओ
तो इतना हौंसला जरुर रखना यारों
और अपने आपको कहना
कि दिन "बुरा" था "जिंदगी" नहीं.
कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा;
खुद टूट कर वो एक दिन मुझसे प्यार करेगा;
इश्क़ की आग में उसको इतना जला देंगे;
कि इज़हार वो मुझसे सर-ए-बाजार करेगा।
फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में,
फर्क होता है किस्मत और लकीर में..
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना..
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में।
मुझे डर नही मरने का बस डर है तो इस बात का की वो जी कैसे पाएगी मेरे बिना ।
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी,
और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गयी हूँ.
हर बात तेरी, मेरी तकदीर बन जाती है,
याद तेरी, मेरी जंजीर बन जाती है,
चाहत है मेरी के टूट के प्यार करूँ तुझे,
मगर खुद की ही शर्म दीवार बन जाती है
इजाजत हो तो करीब आ जाऊं मैं,
जैसे उस चाँद के पास एक तारा है !!
अकेले रहने का भी एक अलग सुकून हे..
ना किसी की वापस आने की उम्मीद..
ना किसी के छोड कर जाने का डर !
मैं भिखारी ही बन जाऊं, तेरी खातिर....
कोई डाले तो सही, तुझे मेरी झोली में...
इक बार फिर ये दिल लगा सीमा को लाँघने....
मैं आज फिर गया था मंदिर पे तुझे माँगने....
ना छेड़ किस्सा उल्फत का बड़ी लम्बी कहानी है
मैं ज़िन्दगी से नहीं हारा किसी अपने की मेहरबानी है
किस्मत से लडने मे मजा आ रहा है दोस्तो
ये मुझे जितने नही दे रही
और हार मै मान नही रहा
प्यार की कोई हद समझना, मेरे बस की बात नहीं,
दिल की बातों को न करना, मेरे बस की बात नहीं,
कुछ तो बात है तुझमें तब तो दिल ये तुमपे मरता है,
वरना यूँ ही जान गँवाना, मेरे बस की बात नही
मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती
मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती
सब जानते है मैं नशा नही करता
मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती
महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया
तन्हाई में रोना एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होनेदिया
बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया।
लफ्ज़ बहुत हैं कहने को....
अहसास ना हो तो असर कहाँ...?

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